Delhi news; इस कंपकंपाती सर्दी में दिल्ली की सियासत गरमा गई है ,तो वही आप सरकार की महिला सम्मान योजना पर तो और भी बवाल मचा हुआ है। दिल्ली की हाई प्रोफाइल सीट नई दिल्ली पर मामला मुकाबला त्रिकोणीय होने वाला है। जहां आप से खुद पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मैदान में है, तो कांग्रेस की और से पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित है । लेकिन अब कांग्रेस और आप के साथ साथ इस सियासी फ्रेम में बीजेपी भी पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा के साथ एंट्री लेगी और अब तीनों ही पार्टिया एक दूसरे पर जमकर हमलावर है । जहां कांग्रेस ने आप संयोजक केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी है, तो आम आदमी पार्टी भी इससे इस कदर भड़की की उसने कांग्रेस को न केवल सुनाया बल्कि उसे इंडिया गठबंधन से बहार तक करने की मांग उठा दी और अब इन सभी के बीच बीजेपी भी बुरी तरह से आप पर हमलावर हो गई है।
दरअसल ,NDMC यानी नई दिल्ली नगर निगम के बीजेपी सदस्यों ने पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल की कड़ी निंदा की. NDMC ने आम आदमी पार्टी सरकार की ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’ और ‘संजीवनी योजना’ की निंदा की और प्रस्ताव पारित किया । वही बता दे नगर निगम की परिषद बैठक की अध्यक्षता सांसद बांसुरी स्वराज ने की।
इस बैठक में केजरीवाल के खिलाफ एक और स्क्रिप्ट लिखी गई है और वो है NDMC से उन्हें निकालने की, अब बीजेपी ने केजरीवाल को एनडीएमसी से बाहर निकालने की ओर अपना कदम बढ़ाया है। NDMC के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले परिषद के कानूनी विभाग को एक प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें यह जांच करने को कहा गया है कि क्या केजरीवाल को सदस्य के पद से हटाया जा सकता है।
ऐसे में अब सवाल ये खड़ा होता है की की क्या ऐसा कोई नियम है ,जिसके तहत केजरीवाल को एनडीएमसी से निकाला जा सकता हो ? नई दिल्ली नगर परिषद अधिनियम, 1994 की धारा 8 में इस सवाल का जवाब मौजूद है। एनडीएमसी अधिनियम की धारा 8 साफ़ तौर पर बताती है ,अगर कोई सदस्य परिषद की इजाज़त के बिना लगातार तीन महीने तक सभी बैठकों में मौजूद नहीं रहता है, तो परिषद केंद्र सरकार से सिफारिश कर सकती है कि ऐसे सदस्य की सीट को रिक्त घोषित कर दिया जाए। वही दूसरा ऑप्शन ये है कि कोई खुद अपने हाथ से लिखकर इस्तीफा दे दे। ऐसे में बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल लगातार चार बैठकों से गायब हैं।
हालांकि, आप ने बीजेपी के सदस्यों के प्रस्ताव को खारिज किया है। पार्टी की ओर से कहा गया है की यह प्रस्ताव कानूनी रूप से मान्य नहीं है,क्योंकि केजरीवाल नई दिल्ली के विधायक होने की वजह से एनडीएमसी के पदेन सदस्य हैं अब देखने वाली बात होगी कि एनडीएमसी के कानूनी विभाग की जांच में क्या होता है और अरविंद केजरीवाल को हटाया जाता है या नहीं ।